यूँ ही नहीं किया था
तुने वह गुनाह
जो नितांत अकेले में
मुझे प्यार का एहसास दिया था
एक नया जीवन जीने की
भूख दी थी प्यास दिया था
यूँ पकड़ लेना हाथ सड़कों पर शरेआम
सोचो... मैंने कुछ तो सोचा होगा
अब तर्कों को दूर ही रक्खो
बस इतना समझाओ
मेरा हाथ पकड़ने से पहले
सोचा क्यूँ नहीं
कि मैं क्या सोचूंगा..
तुम इनकार करो आज हकीकत से
स्वार्थ से सराबोर होकर
मानो न मानो मगर..
हम मानते हैं
तुम्हे भी चाहत थी हमारी
जीवन के सफ़र में साथ निभाने को
तुम्हें भी जरूरत थी हमारी
हम जानते हैं..
प्रश्न सिर्फ यही है क्यूँ
एक बेफिक्र बेगाने को
अपने दिल का मेहमान बना दिया
जीने का मकसद दिया, मतलब समझाया
और आज
जब जीने की तड़प लिए
तेरे पास आया हूँ
बेहरूमती तेरी, तेरी खताएं भी
तुने वह गुनाह
जो नितांत अकेले में
मुझे प्यार का एहसास दिया था
एक नया जीवन जीने की
भूख दी थी प्यास दिया था
यूँ पकड़ लेना हाथ सड़कों पर शरेआम
सोचो... मैंने कुछ तो सोचा होगा
अब तर्कों को दूर ही रक्खो
बस इतना समझाओ
मेरा हाथ पकड़ने से पहले
सोचा क्यूँ नहीं
कि मैं क्या सोचूंगा..
तुम इनकार करो आज हकीकत से
स्वार्थ से सराबोर होकर
मानो न मानो मगर..
हम मानते हैं
तुम्हे भी चाहत थी हमारी
जीवन के सफ़र में साथ निभाने को
तुम्हें भी जरूरत थी हमारी
हम जानते हैं..
प्रश्न सिर्फ यही है क्यूँ
एक बेफिक्र बेगाने को
अपने दिल का मेहमान बना दिया
जीने का मकसद दिया, मतलब समझाया
और आज
जब जीने की तड़प लिए
तेरे पास आया हूँ
बेहरूमती तेरी, तेरी खताएं भी
और बेईमान मुझे ही बता दिया.. क्यूँ ?
7 टिप्पणियां:
Anilji,
jajbaaton ko lafz de diye hai...
ant mein prashnarth; dard ki anubhuti kara raha hai.....
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
very nice ....keep it up.
जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मनाले ईद.
ईद मुबारक
और आज
जब जीने की तड़प लिए
तेरे पास आया हूँ
बेहरूमती तेरी, तेरी खताएं भी
और बेईमान मुझे ही बता दिया.. क्यूँ ?
बेहद गहरी....
avtaar ji. Dunia men har parivartan achchha lagta hai siwae pyar ke. Is dard ko vyakt karti bhavmaii abhivyakti. Sadhuvad.yar ke. Is dard ko vyakt karti bhavmaii abhivyakti. Sadhuvad.
कविता के भाव बहुत सुन्दर है बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
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