ओ प्यासे ...!



मैं जानता हूँ कल ओ प्यासे ...!
आँखें बंद करके ही
दुनिया दौड़ेगी तेरे पीछे
फुर्सत सांस लेने की भी
कहाँ तुझे तब

आश्चर्य मगर आज,
तुझे कौड़ी के भाव भी
खरीदने को कोई तैयार नहीं।