हालात-ए-बयाँ

कल जो उन्होंने
हालात-ए-बयान की है -
यकीनन उनमें कहीं थोड़ी
मेरे दर्द की दवा भी है ..!

मगर ऐसा भी नहीं
सौ फीसदी,
हर्फों के मार्फ़त भी
उन्होंने पूरी वफ़ा की है ...!

एक बार फिर दरअसल
उन्होंने मेरी चाहतों को
हवा दी है..

मगर, तमाम एहसासातों के बाद भी
लगता है -
उन्होंने दिल में अभी भी
मेरे हिस्से की
थोड़ी सी मह्सुसियत
छुपा भी ली है..!

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