मैं कहता हूँ ... (Next on-30.07.11)

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लोग कहते हैं... क्यूँ
बेतरतीब सा रहा करते हो?
लोग अपने संग हुजूम ज़माने सा लगाते हैं 
तुम क्यूँ दोस्त बनाने से डरते हो ?
मैं कहता हूँ - मैं खुश न रहूँ खुद से तो न !

कहा करते हैं सब
अंडर सेट्स कपडे क्यूँ नहीं पहना करते तुम ?
शकल अच्छी न सही, कम से कम
लोगों की नक़ल तो ठीक से कर लो
मैं कहता हूँ - नक़ल तो कर लेता मगर मैं, मैं बचूं तो न 

अक्सर झेलनी पड़ती है
तमाम मेरी आदतों की खिलाफत
घर से बाहर तक
क्यूँ ये नहीं, क्यूँ वो नह ?
मैं कहता हूँ मैं ऐसा ही हूँ

लोग उदहारण दिया करते हैं लोगों की ..
सुझाव बहुत सारे
हर वक़्त मेरे कानों की चैन छीन लिया करते हैं
मैं कहता हूँ मैं ठीक हूँ जो ..
अभी की तरह नहीं हूँ 
कम से कम जो हूँ.. वो दीखता तो हूँ ..
घिन आती है रंगे सियारों से
सफेदपोशों की दकियानूसी विचारों से

मुझे रहने दो मुझ सा ही
मैं बहुत खुश हूँ मैं जैसा भी हूँ..

14 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

प्रिय अनिल अवतार जी
बेतरतीब सा रहा करते हो?
लोग अपने संग हुजूम ज़माने सा लगाते हैं
तुम क्यूँ दोस्त बनाने से डरते हो ?
मैं कहता हूँ - मैं खुश न रहूँ खुद से तो न !
........शशक्त रचना सच है बेहद सशक्त सोच दर्शाती अभिव्यक्ति....!

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपके लेखन ने इसे जानदार और शानदार बना दिया है....

Unknown ने कहा…

Dhanyawaad Bhaskar Ji.. Aah! Aapke comments padhkar to man satwein aasman par chala jata hai.. Himmat-afajai k liye Bahut-bahut dhanyawaad..

Unknown ने कहा…

Aapki nayi TASWEER aapki nayi RACHANAON ki tarah bahut acchhi lagi..

shyam gupta ने कहा…

मैं खुश न रहूँ खुद से तो न !

मुझे रहने दो मुझ सा ही
मैं बहुत खुश हूँ मैं जैसा भी हूँ..

---बहुत सशक्त कथ्य ,
" अंतर के पट खुलें मिले तब ,
श्याम' पिया की राह "

बेनामी ने कहा…

Bahut acchhi rachna Anil Ji.. Likhte rahiye.. Badhai..

Bijay Kr. Arya ने कहा…

Bahut hi satik rachna hai Avtaar ji.. Aaj pahli baar aapko padha. bahut acchha laga..

Roshi ने कहा…

sunder bhav............

बेनामी ने कहा…

बहुत सुन्दर तरीके से आपने अपनी कशमकश को बयां किया है.......कितना मुश्किल है इन्सान हो जाना........बहुत खूब........मेरे ब्लॉग 'मिर्ज़ा ग़ालिब' पर आपकी टिप्पणी का तहेदिल से शुक्रिया...आप जैसे कद्रदानो के लिए ही मैंने वो ब्लॉग बनाया है........कभी वक़्त मिले तो अन्य ब्लॉग भी देखे एक में दुसरे के लिंक आपको मिल जायेंगे|

Amrita Tanmay ने कहा…

सुन्दर रचना

Unknown ने कहा…

Dr. Shyam Gupta Ji..
Unknown Sir..
Bijay Kr. Arya Ji..
Roshi Ji..
Imraan Ansaari JI..
Amrita Tanmay Ji..

Bahut-Bahut Dhanyawaad Aapka ...
Aapki snehil pratikriyaein sach mein mujhe aur likhne aur aapse lagatar kuchh-n-kuchh sikhne ki prerana deti hai..

Bahut-Bahut Dhanyawaad...

रश्मि प्रभा... ने कहा…

bahut hi saarthak, bejod rachna

अनुपमा पाठक ने कहा…

मुझे रहने दो मुझ सा ही
मैं बहुत खुश हूँ मैं जैसा भी हूँ..

अच्छी बात....सच्ची बात!!!

Unknown ने कहा…

@. Rashmi Prabha Ji..
@. Anupama Pathak Ji..

Bahut-bahut dhanyawaad aapka..