उनकी याद.... आज फिर

लो आ गयी 
उनकी याद.... आज फिर 

बीत जायेंगे
दिन तो भले जैसे भी 
क्या होगा 
हुई जो रात.... आज फिर

रात से सुबह फिर 
बनवास.... जैसे राम के 
करवटें हर एक हमारी 
गिनती  सालों - साल..... आज फिर


अलग हुए उनसे बीते बरस  
और अब ... बिना दरस 
सिर्फ उनको याद  करते हुए
या यूँ कहें, बूंद-बूंद मरते हुए  
बीतेंगे कई साल... आज फिर

   

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