ही के लिए बस
क्या-क्या मैंने जतन किये...
सच्चे हैं, सत्य की चाह
मैंने आदतन किये...
बोल-पुकार थक चूका
मैं तो अब निः शब्द हूँ !!
पतझड़ में सूखे पत्तों की तरह
सुख चूका मैं जल-रहित...
दिशाहीन मैं भटक रहा
संग सुखी धरा देख .. स्तब्ध हूँ
आओ सभी ह्रदय तोड़ने वालों
दिखा के दिवा स्वप्न
त्वरित मुख मोड़ने वालों...
मैं निस्तेज, निष्प्राण
प्रयोग करो मुझपर...
शल्य क्रिया करो
मेरे ह्रदय के साथ,
दर्द होनी ही नहीं
मैं तुम्हारे लिए
सर्वदा उपलब्ध हूँ.. देखो
मैं तो अब निः शब्द हूँ
15 टिप्पणियां:
कोशिश अच्छी है पर शब्द संयोजन पर ध्यान देने की जरुरत है जिससे अर्थ स्पष्ट हो.अच्छी लगी पोस्ट. शुभकामनाएं.
Anilji, prayas achcha laga, par mera anurodh hai bhaav spast hone chahiye..aise hi prayason se hindi ka shabdkosh apka-humara badhta rahega...shirshak uttam hai...
चोट खूब खायी लगती है आपने..
"प्रयोग करो मुझपर" !!
जनाब इतना दर्द भी अच्छा नहीं..
पर आपके हिन्दी शब्दों का प्रयोग बेहतरीन है और वैसे भी मैं उन लोगों में से हूँ नहीं जो सलाह देने लायक होऊं :)
सो... जय राम जी की! :)
शल्य क्रिया करो
मेरे ह्रदय के साथ,
दर्द होनी ही नहीं
मैं तुम्हारे लिए
सर्वदा उपलब्ध हूँ.. देखो
मैं तो अब निः शब्द हूँ... निःसंदेह बहुत ही बढ़िया
निः:शब्द कर दिया आपकी अद्भुत कविता ने.
प्रयोग करो मुझपर...
पीड़ा की पराकाष्ठा में यही आवाहन बच जाता है...
बढ़िया अभिव्यक्ति अनिल जी...
सादर बधाई...
मैं तो अब निः शब्द हूँ!!
ही के लिए बस... की जगह पर.... के लिए ही बस... होना चाहिए.... बोल- पुकार कर थक चूका मैं....अब तो निःशब्द हूँ.... ये ज्यादा प्रभावी होता. वैसे अच्छा लिखा है.
दर्द होगी ही नहीं....होना चाहिए..
once the pain is beyond one cay only this
"प्रयोग करो मुझपर
beautiful poem
शल्य क्रिया करो
मेरे ह्रदय के साथ,
दर्द होनी ही नहीं
मैं तुम्हारे लिए
सर्वदा उपलब्ध हूँ.. देखो
मैं तो अब निः शब्द हूँ......BAHUT SUNDAR .ANIL JEE,.....SHUBHKAMNAYE......
kya vedna ukeri hai anil ji!
लिखते रहें लगातार ... अपने भाव होना जरूरी है ...
अनिल जी..
बहुत अच्छी कोशिश है, भाव भी सारगर्भित लगे.
लिखना जारी रखें..
मेरी नयी कविता 'राधिका के कृष्ण' पढ़ना ना भूलें.
www.belovedlife-santosh.blogspot.com
अमृता तन्मय जी के सुझाव पर ध्यान दें.
एक पंक्ति 'बोल-पुकार थक चूका ' की जगह 'बोल-पुकार कर थक चुका' होना चाहिए.
वैसे ये कितने पुराने जख्म हैं जो अब जाहिर हो रहे हैं..थोड़ा मजाक कर सकता हूँ क्या??
बधाई!!
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