बहुत हो चुकी ऐ दोस्त


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***बहुत हो चुकी ऐ दोस्त
आँखों-आँखों से दिल की बातें,
बहुत काट दी हमने
खुली आँखों से कई रातें,
चलो आज कह दें
अपनी-अपनी ख्यालातें, मौजूदा हालातें ! 
जो बहुत पहले तुम कहना चाहे,
मगर कभी तेरी मजबूरियां
तो कभी मेरी मर्यादाएं,
रोक दिए वो कदम
जो इस राह पे आना चाहें  !
कितना रोकें अब हम दिल को 
कितनी आहें भरें ?
अंब मुश्किल है 
जज्बातों के तूफ़ान को दबाना,
आया है बनके ये दिन और भी ज्यादा बहाना !
कहीं गुजर न जाएँ ये बसंती बहार 
चलो आज कह दें
हम भी करते हैं - एक दूजे से प्यार !!!!!!!

3 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

चलो आज कह दें
अपनी-अपनी ख्यालातें, मौजूदा हालातें !
जो बहुत पहले तुम कहना चाहे,
मगर कभी तेरी मजबूरियां
तो कभी मेरी मर्यादाएं,.... aao is giraft se baahar aayen , kah len - pyaar hai , bahut hi achhi rachna

Amrita Tanmay ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखा है ..आभार

Unknown ने कहा…

Rashmi Ji..
Amrita Ji..

Aap pahli baar hamare blog par aayin.. mujh navsikhiye ka haunsala badhaya dhanyawaad.. Yun hi apni najar banaye rakhiyega..